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दिव्यांग प्रमाण पत्र के लाभ, पात्रता, फॉर्म प्रक्रिया

दिव्यांग प्रमाण पत्र भारत सरकार द्वारा जारी एक आधिकारिक दस्तावेज़ है जो विकलांग नागरिकों को सरकारी योजनाओं, आरक्षण और स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ लेने में मदद करता है। यह पोस्ट बताएगी कि दिव्यांग प्रमाण पत्र कैसे बनवाएं – ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रक्रिया, ज़रूरी दस्तावेज़, पात्रता और इसके प्रमुख लाभ क्या हैं।

 

मान्य दिव्यांग प्रमाण पत्र : भारत सरकार द्वारा दिव्यांग (विकलांग) नागरिकों के लिए अनेक कल्याणकारी योजनाएँ चलाई जाती हैं। इन योजनाओं का लाभ उठाने के लिए सबसे आवश्यक दस्तावेज़ होता है – दिव्यांग प्रमाण पत्र। यह प्रमाण पत्र किसी भी दिव्यांग व्यक्ति को सरकारी मान्यता देता है कि वह किन श्रेणियों में और कितनी प्रतिशत विकलांगता के तहत आता है।

 

दिव्यांग प्रमाण पत्र क्या है?

दिव्यांग प्रमाण पत्र (Disability Certificate) एक आधिकारिक दस्तावेज़ होता है जिसे भारत सरकार द्वारा अधिसूचित मेडिकल बोर्ड द्वारा जारी किया जाता है। यह प्रमाण पत्र यह सिद्ध करता है कि व्यक्ति स्थायी या अस्थायी रूप से किसी विशेष प्रकार की शारीरिक या मानसिक अक्षमता (Disability) से ग्रसित है।

 

 

कौन बनवा सकता है दिव्यांग प्रमाण पत्र?

  • कोई भी भारतीय नागरिक जिसकी कम से कम 40% विकलांगता हो।
  • मानसिक, शारीरिक, बौद्धिक या सुनने/देखने की अक्षमता वाले व्यक्ति।
  • विकलांगता अस्थायी, स्थायी, प्रगतिशील या जन्मजात हो सकती है।

 

 

प्रमुख विकलांगता की श्रेणियाँ :

  • दृष्टि बाधित (Blindness / Low Vision)
  • श्रवण बाधित (Deaf / Hard of Hearing)
  • अस्थि बाधित (Locomotor Disability)
  • मानसिक रोग (Mental Illness)
  • बौद्धिक अक्षमता (Intellectual Disability)
  • स्पीच और लैंग्वेज डिसेबिलिटी
  • मल्टीपल डिसेबिलिटी

 

 

दिव्यांग प्रमाण पत्र के लाभ :

  • आयकर में छूट
  • रेलवे और बस किराये में छूट
  • मुफ्त इलाज और स्वास्थ्य सेवाएं
  • पेंशन और आर्थिक सहायता योजनाएं
  • UDID कार्ड (Unique Disability ID)
  • आरक्षण (सरकारी नौकरियों, शैक्षणिक संस्थानों में)

 

 

दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाने की प्रक्रिया (ऑनलाइन प्रक्रिया) :

  • wavlambancard.gov.in  पर विजिट करें।
  • रजिस्ट्रेशन करें : “Apply Online” विकल्प चुनें। “Register” पर क्लिक करके नाम, आधार नंबर, मोबाइल नंबर आदि भरें।
  • लॉगिन करें और फॉर्म भरें : व्यक्तिगत जानकारी, दिव्यांगता का प्रकार, मेडिकल इतिहास, पहचान और पते से जुड़े दस्तावेज़ अपलोड करें।
  • दस्तावेज़ अपलोड करें : पासपोर्ट साइज फोटो, आधार कार्ड, मेडिकल रिपोर्ट्स, निवास प्रमाण पत्र आदि।

मेडिकल बोर्ड से सत्यापन : 

  • आवेदन के बाद आपको नजदीकी मेडिकल बोर्ड के पास भेजा जाएगा।
  • वहाँ डॉक्टर आपकी विकलांगता की जाँच करेंगे।
  • यदि योग्य पाए जाते हैं, तो प्रमाण पत्र जारी कर दिया जाएगा।

प्रमाण पत्र की प्राप्ति :

  • आपको डिजिटल दिव्यांग प्रमाण पत्र और UDID कार्ड नंबर मिल जाएगा।
  • यह PDF रूप में डाउनलोड किया जा सकता है और भविष्य में कहीं भी मान्य होता है।

 

 

ऑफलाइन प्रक्रिया (जिला अस्पताल से) :

  • जिला अस्पताल, मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) कार्यालय, या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) पर जाएं।
  • UDID आवेदन फॉर्म मुफ्त में लें या पोर्टल से डाउनलोड करें।
  • व्यक्तिगत जानकारी, विकलांगता विवरण, और मेडिकल इतिहास सही-सही भरें।
  • सभी आवश्यक दस्तावेजों की फोटोकॉपी संलग्न करें।
  • फॉर्म और दस्तावेज CMO कार्यालय में जमा करें और रसीद प्राप्त करें।
  • निर्धारित तारीख पर मेडिकल बोर्ड के समक्ष उपस्थित हों।
  • सत्यापन के बाद प्रमाण पत्र और UDID कार्ड जारी किया जाएगा।

 

 

जरूरी दस्तावेज़ों की सूची :

  • आधार कार्ड
  • निवास प्रमाण पत्र
  • दो पासपोर्ट साइज फोटो
  • विकलांगता से जुड़ी मेडिकल रिपोर्ट
  • स्कूल या अन्य संस्थान का प्रमाण पत्र (यदि मांगा जाए)

प्रमाण पत्र की वैधता :

  • स्थायी दिव्यांगता : प्रमाण पत्र जीवन भर के लिए मान्य होता है।
  • अस्थायी दिव्यांगता : मेडिकल बोर्ड द्वारा निर्धारित समय के लिए मान्य, जिसके बाद नवीनीकरण ज़रूरी होता है।

 

 

दिव्यांग प्रमाण पत्र एक आवश्यक दस्तावेज़ है जो दिव्यांग नागरिकों को सरकारी योजनाओं, लाभों और सामाजिक सुरक्षा में भागीदारी का अधिकार देता है। अब इसे प्राप्त करना डिजिटल प्रणाली के कारण बेहद आसान और पारदर्शी हो गया है। यदि आप या आपके किसी परिचित को यह प्रमाण पत्र बनवाना है, तो ऊपर दी गई जानकारी के अनुसार प्रक्रिया अपनाएं और सशक्त भारत के निर्माण में अपना योगदान दें।