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मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना और इसके लाभ

मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना किसानों को उनकी भूमि की उर्वरता, पोषक तत्वों और सही उर्वरकों के उपयोग की जानकारी देने वाली भारत सरकार की एक डिजिटल पहल है। यह योजना soilhealth.dac.gov.in पोर्टल के माध्यम से संचालित होती है, जिससे किसान अपनी मिट्टी की गुणवत्ता से जुड़ी रिपोर्ट आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।

मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना किसानों के लिए उर्वर खेती का डिजिटल आधार : भारत जैसे कृषि प्रधान देश में भूमि की उपजाऊ शक्ति और उसकी देखभाल सबसे बड़ी जिम्मेदारी होती है। किसान जितनी मेहनत खेत में करते हैं, उतना ही जरूरी है मिट्टी की गुणवत्ता को समझना। इसी जरूरत को ध्यान में रखते हुए भारत सरकार ने मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना (Soil Health Card Scheme) की शुरुआत की है। इस योजना के माध्यम से किसानों को उनकी भूमि की उर्वरता, पोषक तत्वों की स्थिति और उचित उर्वरकों के उपयोग की जानकारी दी जाती है। इस योजना का संचालन soilhealth.dac.gov.in पोर्टल के माध्यम से किया जाता है, जिसे कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा विकसित किया गया है। यह पोर्टल किसानों के लिए एक डिजिटल सुविधा है, जहाँ वे अपनी मिट्टी की गुणवत्ता से जुड़ी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

 

 

योजना की शुरुआत :

मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना की शुरुआत वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राजस्थान के सूरतगढ़ से की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य किसानों को मृदा परीक्षण के आधार पर उर्वरकों का संतुलित और वैज्ञानिक उपयोग करने के लिए प्रेरित करना है। इस योजना से जुड़कर किसान अपनी फसल की गुणवत्ता और उत्पादन में बढ़ोतरी कर सकते हैं।

 

 

मिट्टी परीक्षण के प्रमुख मापदंड :

मृदा स्वास्थ्य कार्ड में निम्नलिखित 12 मापदंडों की जानकारी होती है

  • मुख्य पोषक तत्व : नाइट्रोजन (N), फॉस्फोरस (P), पोटेशियम (K), सल्फर (S)
  • सूक्ष्म पोषक तत्व : जिंक (Zn), आयरन (Fe), कॉपर (Cu), मैंगनीज (Mn), बोरॉन (Bo)
  • मिट्टी के गुण : pH (अम्लता/क्षारीयता), विद्युत चालकता (EC), जैविक कार्बन (OC)

इन तत्वों की जांच के आधार पर यह बताया जाता है कि मिट्टी में कौन-कौन से पोषक तत्व की कमी या अधिकता है और कौन-से उर्वरक कितनी मात्रा में डालने चाहिए।

 

 

पोर्टल और ऐप की विशेषताएँ :

soilhealth.dac.gov.in पोर्टल और इससे संबंधित मोबाइल ऐप दोनों किसानों के लिए अत्यंत उपयोगी हैं:

  • किसान पोर्टल पर जाकर अपनी मिट्टी का हेल्थ कार्ड देख सकते हैं या डाउनलोड कर सकते हैं।
  • ऐप के माध्यम से GPS आधारित सैंपलिंग होती है जिससे खेत का सटीक लोकेशन पता चलता है।
  • यह सेवा भारत की 22 भाषाओं और 5 क्षेत्रीय बोलियों में उपलब्ध है, जिससे हर राज्य के किसान इसका उपयोग कर सकते हैं।

 

 

Soil Health Card से रजिस्ट्रेशन कैसे करें?

  • Registration करने के लिए  Google Play Store या Soil Health Card Website  खोलें 
  • सर्च बॉक्स में टाइप करें: “Soil Health Card”
  • Ministry of Agriculture & Farmers Welfare या NIC eGov Mobile Apps द्वारा प्रकाशित ऐप को चुनें।
  • ऐप पर क्लिक करके Install बटन दबाएं।
    या सीधे डाउनलोड लिंक : Soil Health Card App

 

 

ऐप से रजिस्ट्रेशन कैसे करें?

1. ऐप खोलें

  • ऐप इंस्टॉल होने के बाद उसे खोलें।
  • होमपेज पर “New Registration” या “Sign Up” का विकल्प दिखेगा, उस पर क्लिक करें।
  • Click Here See App View

2. किसान की जानकारी भरें

  • अपना पूरा नाम, सक्रिय मोबाइल नंबर, राज्य, जिला, ब्लॉक/तहसील और गांव की जानकारी दर्ज करें।

3. खेत की जानकारी भरें

  • खेत का क्षेत्रफल (एकड़ में) दर्ज करें।
  • फसल का प्रकार चुनें।
  • सिंचाई की विधि (नहर, बोरवेल, वर्षा आधारित आदि) चुनें।
  • यदि संभव हो, खेत की GPS लोकेशन जोड़ें जिससे मिट्टी परीक्षण सटीक रूप से हो सके।

4. सत्यापन करें

  • आपके दिए गए मोबाइल नंबर पर एक OTP आएगा।
  • OTP दर्ज करें और फॉर्म Submit करें।

 

 

रजिस्ट्रेशन के बाद क्या होगा?

  • संबंधित कृषि विभाग या प्रयोगशाला टीम आपके खेत से मिट्टी का नमूना एकत्र करेगी।
  • परीक्षण के बाद, आपकी मृदा रिपोर्ट ऐप में ही अपलोड कर दी जाएगी।
  • इस रिपोर्ट के अनुसार आपको उर्वरकों की सही मात्रा और प्रकार की सिफारिश दी जाएगी।

 

 

रजिस्ट्रेशन के लिए आवश्यक जानकारी:

जानकारी का प्रकारविवरण
मोबाइल नंबरएक वैध और सक्रिय मोबाइल नंबर आवश्यक है, जिस पर OTP प्राप्त किया जा सके।
खेत की जानकारीखेत का क्षेत्रफल (एकड़ में), स्थान (गांव, तहसील, जिला), फसल का प्रकार और सिंचाई की विधि जैसे विवरण देने होंगे।
पहचान पत्र (यदि मांगा जाए)आधार कार्ड, वोटर ID या अन्य वैध पहचान पत्र दस्तावेज़ रजिस्ट्रेशन के समय मांगा जा सकता है।

 

 

किसानों को क्या लाभ मिलेगा?

  • संतुलित उर्वरकों का प्रयोग : मिट्टी में किस पोषक तत्व की कमी है, यह जानकर किसान सिर्फ वही उर्वरक उपयोग करते हैं जिसकी ज़रूरत है। इससे फसल की सेहत अच्छी रहती है।
  • उत्पादन में वृद्धि : उचित पोषक तत्व मिलने पर फसल की पैदावार बढ़ती है और गुणवत्ता भी सुधरती है।
  • उर्वरकों की बचत : अनावश्यक रासायनिक खादों के प्रयोग से बचा जा सकता है, जिससे लागत कम होती है।
  • पर्यावरण संरक्षण : संतुलित खेती से भूमि की उर्वरता बनी रहती है और भूजल या भूमि प्रदूषण की संभावना घटती है।
  • वैज्ञानिक कृषि को बढ़ावा : मृदा स्वास्थ्य कार्ड किसानों को आधुनिक और वैज्ञानिक खेती की ओर प्रेरित करता है।

 

 

Soil Health Card ऐप एक क्रांतिकारी पहल है, जो किसानों को वैज्ञानिक खेती की ओर ले जाती है। यह ऐप न सिर्फ मिट्टी की सेहत को समझने में मदद करता है, बल्कि उत्पादकता बढ़ाने, लागत घटाने और लाभ बढ़ाने का भी जरिया बनता है।

यदि आप किसान हैं, तो आज ही इस ऐप के माध्यम से रजिस्ट्रेशन करें और मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना का लाभ उठाएं।