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नॉबेल पुरस्कार : विज्ञान, साहित्य, शांति का वैश्विक मंच

नॉबेल पुरस्कार विश्व का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है, जिसे अल्फ्रेड नॉबेल की वसीयत के अनुसार 1901 में प्रारंभ किया गया था। यह पुरस्कार उन व्यक्तियों या संस्थाओं को दिया जाता है जिन्होंने मानवता के कल्याण, विज्ञान, साहित्य, शांति और अर्थशास्त्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया हो। वर्तमान में यह पुरस्कार छह श्रेणियों – भौतिकी, रसायन विज्ञान, चिकित्सा, साहित्य, शांति और आर्थिक विज्ञान – में दिया जाता है। प्रत्येक विजेता को लगभग ₹9 करोड़ की पुरस्कार राशि और एक पदक मिलता है।

 

नॉबेल पुरस्कार विश्व का सबसे प्रतिष्ठित और सम्माननीय अंतरराष्ट्रीय सम्मान है, जिसे अल्फ्रेड नॉबेल की वसीयत के अनुसार वर्ष 1901 में शुरू किया गया था। यह पुरस्कार उन व्यक्तियों या संस्थाओं को दिया जाता है जिन्होंने मानवता की सेवा में असाधारण योगदान दिया हो — विज्ञान, साहित्य, शांति, और अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में।

 

 

नॉबेल पुरस्कार क्यों दिया जाता है?

अल्फ्रेड नॉबेल, जिन्होंने डायनामाइट का आविष्कार किया था, वे नहीं चाहते थे कि उनकी पहचान एक विध्वंसक वैज्ञानिक के रूप में हो। उन्होंने अपनी वसीयत में लिखा कि उनकी संपत्ति का उपयोग ऐसे लोगों को पुरस्कृत करने में किया जाए जिन्होंने “मानव जाति को सबसे अधिक लाभ पहुँचाया हो।”
इसलिए, यह पुरस्कार उन लोगों को दिया जाता है जो :

  • मानवता की पीड़ा को कम करने में सहायक हों
  • ज्ञान और विज्ञान को नई दिशा देने वाले हों
  • समाज, शांति और लोकतंत्र को मजबूती देने वाले हों

 

नॉबेल पुरस्कार की छह प्रमुख श्रेणियाँ :

  • भौतिकी (Physics)
  • रसायन विज्ञान (Chemistry)
  • चिकित्सा/फिजियोलॉजी (Physiology or Medicine)
  • साहित्य (Literature)
  • शांति (Peace)
  • आर्थिक विज्ञान (Economic Sciences) – जो 1969 में जोड़ा गया था

 

 

पुरस्कार राशि

  • 2024 तक प्रत्येक श्रेणी में पुरस्कार राशि 11 मिलियन स्वीडिश क्रोनर (SEK) है, जो लगभग ₹9 करोड़ के करीब है यह राशि अल्फ्रेड नॉबेल की फाउंडेशन की सक्रिय पूंजी के ब्याज से आती है, मूल को नहीं छेड़ा जाता

 

 

दो बार मिलने वाले नॉबेल पुरस्कार विजेता

  • मैरी क्यूरी (Marie Curie) : भौतिकी में 1903 और रसायन विज्ञान में 1911 में.
  • लिनस पॉलिंग (Linus Pauling) : रसायन विज्ञान में 1954 और शांति में 1962 में.
  • जॉन बार्डिन (John Bardeen) : भौतिकी में 1956 और 1972 में.
  • फ्रेडरिक सेंगर (Frederick Sange) : रसायन विज्ञान में 1958 और 1980 में.
  • कार्ल बैरी शार्पलेस (Karl Barry Sharpless) : रसायन विज्ञान में 2001 और 2022 में.
  • इंटरनेशनल कमेटी ऑफ द रेड क्रॉस (ICRC) : शांति में 1917, 1944, 1963 में.
  • UNHCR : शांति में 1954 और 1981 में.

 

भारतीय विजेता :

भारत से कुल 7 विजेता हैं 

  • रवीन्द्रनाथ ठाकुर (1913) – साहित्य, रचना : गीतांजलि
  • सी. वी. रमन (1930 ) – भौतिकी, खोज : रमन प्रभाव (Raman Effect) विज्ञान में पहला नोबेल पाने वाले भारतीय
  • मदर टेरेसा (1979) – शांति, अल्बानियाई मूल, भारत में गरीबों और बीमारों की सेवा, मिशनरीज ऑफ चैरिटी की संस्थापक
  • अमर्त्य सेन (1998) – आर्थिक विज्ञान (कल्याण आर्थिक सिद्धांत), कार्य : कल्याणकारी अर्थशास्त्र और गरीबी मापन
  • वेनकटरमन रामकृष्णन (2014) – शांति (बाल श्रम के खिलाफ कार्य)
  • कैलाश सत्यार्थी (2014) – शांति, बाल श्रम और बाल अधिकारों के लिए काम
  • अभिजीत बनर्जी (2019) – अर्थशास्त्र, कार्य : वैश्विक गरीबी उन्मूलन पर प्रयोगात्मक दृष्टिकोण

 

 

हालिया विजेताओं की झलक (2024)

  • भौतिकी : जॉन जे हॉपफील्ड (John J. Hopfield) और जेफ्री हिंटन (Geoffrey Hinton)– न्यूरल नेटवर्क 
  • रसायन विज्ञान : डेविड बेकर (David Baker),जॉन एम. जम्पर (John M. Jumper) और डेमिस हसाबिस (Demis Hassabis)– प्रोटीन संरचना भविष्यवाणी  
  • चिकित्सा : विक्टर एम्ब्रोस(Victor Ambros) और गैरी रूवकुन(Gary Ruvkun) – microRNA की खोज  2
  • साहित्य : हान कांग (Han Kang) – ऐतिहासिक पीड़ा आधारित साहित्य
  • शांति : निहोन हिडांक्यो (Nihon Hidankyo) – परमाणु निरस्त्रीकरण अभियान 
  • आर्थिक विज्ञान : डारोन ऐसमोग्लू(Daron Acemoglu), साइमन जॉनसन (Simon Johnson) और जेम्स ए. रॉबिन्सन (James A. Robinson)– संस्थागत प्रभाव और समृद्धि 

 

 

विजेता कैसे चुने जाते हैं?

हर श्रेणी के लिए अलग-अलग संस्थाएं होती हैं जो योग्य उम्मीदवारों की गुप्त समीक्षा करती हैं:

  • भौतिकी, रसायन विज्ञान और अर्थशास्त्र – रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज़
  • चिकित्सा – कैरोलिंस्का इंस्टिट्यूट, स्टॉकहोम
  • साहित्य – स्वीडिश अकादमी
  • शांति – नार्वेजियन नोबेल कमेटी, ओस्लो

चयन की प्रक्रिया बेहद गोपनीय होती है और विजेताओं की घोषणा हर साल अक्टूबर में की जाती है, जबकि पुरस्कार समारोह 10 दिसंबर (अल्फ्रेड नॉबेल की पुण्यतिथि) को होता है।

 

 

दुर्लभ और ऐतिहासिक तथ्य

  • मैरी क्युरी : पहली महिला जिन्हें दो बार (भौतिकी व रसायन) नॉबेल मिला।
  • ICRC (Red Cross) : तीन बार शांति का नॉबेल जीता।
  • मलाला यूसुफजई : सबसे कम उम्र (17 वर्ष) में पुरस्कार पाने वाली महिला।
  • जॉन बर्डीन : दो बार भौतिकी में नॉबेल प्राप्त करने वाले एकमात्र व्यक्ति।

 

 

नॉबेल पुरस्कार क्यों महत्वपूर्ण है?

  • वैज्ञानिक शोध और समाजसेवा को प्रोत्साहन मिलता है।
  • विश्व स्तर पर प्रेरणा मिलती है – युवा पीढ़ी को अनुसंधान, रचना और शांति की दिशा में बढ़ने का हौसला।
  • समाज में सकारात्मक बदलाव लाने वाले कार्यों को अंतरराष्ट्रीय मान्यता।
  • पुरस्कार राशि और प्रतिष्ठा के माध्यम से आगे की खोज को आर्थिक सहारा मिलता है।

 

 

नॉबेल पुरस्कार केवल एक पुरस्कार नहीं है, यह मानवता की सेवा, नवाचार, और समर्पण का प्रतीक है। यह बताता है कि ज्ञान, शांति, विचार और सेवा ही वह रास्ता हैं जो दुनिया को बेहतर बना सकते हैं।  हर साल जब नॉबेल पुरस्कार दिए जाते हैं, तो वे न सिर्फ वैज्ञानिकों और समाजसेवियों का सम्मान करते हैं, बल्कि पूरी मानवता को यह संदेश देते हैं – “ज्ञान, संवेदना और सेवा से ही सच्ची प्रगति संभव है।”