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गैस सिलेंडर हादसे में क्लेम, राशि, शर्तें, प्रक्रिया

घरेलू गैस सिलेंडर से जुड़ी दुर्घटनाओं में उपभोक्ताओं को कंपनियों द्वारा मुफ्त बीमा सुरक्षा मिलती है। इस पोस्ट में जानिए – गैस सिलेंडर हादसे में मुआवजा कैसे मिलता है, कितनी राशि मिलती है, किन शर्तों के तहत क्लेम किया जा सकता है, और पूरी प्रक्रिया क्या है।

 

घरेलू गैस सिलेंडर आज हर भारतीय परिवार की आवश्यकताओं का एक अभिन्न हिस्सा बन चुका है, क्योंकि यह खाना पकाने के लिए स्वच्छ, सुविधाजनक और प्रभावी ईंधन प्रदान करता है। हालांकि, इसके साथ कुछ जोखिम भी जुड़े होते हैं। सिलेंडर लीक, रेगुलेटर में खराबी या कभी-कभी विस्फोट जैसी घटनाएं जान और माल दोनों को गंभीर नुकसान पहुँचा सकती हैं। इन संभावित खतरों को देखते हुए भारत सरकार और प्रमुख गैस वितरण कंपनियां — जैसे भारत गैस, इंडेन गैस और HP गैस — अपने सभी पंजीकृत उपभोक्ताओं को एक विशेष बीमा सुरक्षा देती हैं। यह बीमा योजना उपभोक्ता को मुफ्त में दी जाती है, यानी इसके लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाता, और इसका उद्देश्य गैस से संबंधित किसी भी दुर्घटना के समय उपभोक्ता और उनके परिवार को वित्तीय सहायता प्रदान करना है।

 

 

क्या है गैस सिलेंडर दुर्घटना बीमा?

  • भारत गैस, इंडेन गैस और HP गैस जैसी कंपनियां अपने सभी वैध उपभोक्ताओं को पब्लिक लायबिलिटी बीमा देती हैं। इस बीमा का प्रीमियम कंपनियां खुद देती हैं। आपसे कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाता। यह बीमा दुर्घटना, विस्फोट या गैस लीक के कारण हुई मृत्यु, चोट या संपत्ति हानि को कवर करता है।

 

 

लगभग कितना मिलता है मुआवजा?

  • मृत्यु पर : ₹6 लाख प्रति व्यक्ति तक
  • चिकित्सा खर्च : ₹2 लाख प्रति व्यक्ति (अधिकतम ₹30 लाख प्रति दुर्घटना)
  • संपत्ति नुकसान : ₹2 लाख प्रति घटना तक
  • तत्काल राहत : ₹25,000 तक प्रति व्यक्ति
  • नोट : कुछ विशेष मामलों में कुल देयता ₹50 लाख तक हो सकती है, लेकिन यह पूरी घटना के लिए होती है, न कि प्रति व्यक्ति।

 

 

कौन कर सकता है क्लेम?

  • गैस वितरक मान्यता प्राप्त हो
  • दुर्घटना पंजीकृत पते पर हुई हो
  • जिनके पास वैध गैस कनेक्शन है
  • दुर्घटना अधिकृत सिलेंडर, रेगुलेटर या ISI मार्क वाले उपकरणों से हुई हो

 

 

मुआवजा प्राप्त करने की प्रक्रिया :

  1. लिखित सूचना दें : दुर्घटना होने पर गैस वितरक (distributor ) को लिखित सूचना दें या 1906 पर कॉल करें।
  2. FIR दर्ज करें : नजदीकी पुलिस स्टेशन में FIR दर्ज कराना अनिवार्य है।
  3. जरूरी दस्तावेज़ : गैस कनेक्शन नंबर और रसीद, FIR की कॉपी, मृत्यु प्रमाणपत्र, मेडिकल रिपोर्ट्स और बिल, फोटो व विवरण संपत्ति नुकसान का, बैंक विवरण और पैन कार्ड
  4. सर्वे और जांच : बीमा कंपनी द्वारा नियुक्त सर्वेयर मौके पर आकर जांच करेगा।
  5. क्लेम फॉर्म जमा करें : गैस एजेंसी से क्लेम फॉर्म लें, भरें और सभी दस्तावेज़ संलग्न करके जमा करें।
  6. मुआवजा प्राप्त करें : जांच पूरी होने के बाद बीमा कंपनी मुआवजा राशि सीधे आपके बैंक खाते में जमा करेगी। इसमें 30-90 दिन तक लग सकते हैं।

 

 

किन कारणों से क्लेम रिजेक्ट हो सकता है?

  • अधूरे दस्तावेज़
  • FIR या सूचना में देरी
  • दुर्घटना गैस से संबंधित नहीं होना
  • ISI मार्क उपकरण का उपयोग न करना
  • अवैध या गैर-मानक सिलेंडर/ उपकरण का उपयोग

 

 

प्रमुख गैस कंपनियों की वेबसाइट्स

 

 

सुरक्षा के लिए जरूरी सुझाव :

  • गैस लीक डिटेक्टर लगवाएं
  • आग बुझाने वाला यंत्र पास में रखे
  • 1906 पर कॉल करने में देर न करें
  • गैस उपकरण हर 2 साल में जांचवाएं
  • हमेशा ISI मार्क वाले चूल्हे और रेगुलेटर का उपयोग करें

 

 

गैस सिलेंडर से हुई दुर्घटनाएं खतरनाक हो सकती हैं, लेकिन यदि आपके पास वैध कनेक्शन है और आप सभी सुरक्षा नियमों का पालन करते हैं, तो आपको मुआवजा पाने का पूरा हक है। इस बीमा का उद्देश्य आपकी और आपके परिवार की सुरक्षा करना है। इस जानकारी को अपने दोस्तों व रिश्तेदारों के साथ जरूर साझा करें।