Government e-Marketplace भारत में सरकारी खरीद की डिजिटल क्रांति : भारत सरकार की विभिन्न योजनाओं और परियोजनाओं के लिए हर वर्ष अरबों रुपये की खरीद की जाती है—जैसे स्टेशनरी, मशीनरी, फर्नीचर, कंप्यूटर, वाहन, तकनीकी सेवाएं आदि। पहले यह खरीद प्रक्रिया बेहद जटिल, धीमी और भ्रष्टाचार के मामलों से ग्रसित थी। इस समस्या को सुलझाने के लिए 9 अगस्त 2016 को भारत सरकार ने Government e-Marketplace (GeM) की शुरुआत की। यह एक पूरी तरह ऑनलाइन और पारदर्शी खरीद प्रणाली है जो सरकारी संगठनों और पंजीकृत विक्रेताओं के बीच सीधा संपर्क बनाती है।
GeM की स्थापना और उद्देश्य
GeM की शुरुआत वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य था :
- सरकारी खरीद को डिजिटाइज़ करना
- पारदर्शिता और प्रतिस्पर्धा को बढ़ाना
- लागत में बचत सुनिश्चित करना
- छोटे और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को सरकार से जोड़ना
GeM का आधार भारतीय सामान्य वित्तीय नियम (GFR) के नियम 149 पर आधारित है, जो सरकार को GeM के माध्यम से ही वस्तुएं और सेवाएं खरीदने की अनुमति देता है।
Government e-Marketplace की कार्यप्रणाली
GeM प्लेटफॉर्म एक ऑनलाइन पोर्टल है (https://gem.gov.in) जहाँ दो प्रकार के उपयोगकर्ता रजिस्टर करते हैं:
1. खरीददार (Buyer):
- केंद्र और राज्य सरकार के मंत्रालय
- सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियाँ (PSUs)
- सरकारी स्कूल, कॉलेज, अस्पताल आदि
2. विक्रेता (Seller/Service Provider):
- निजी कंपनियाँ
- MSMEs और स्टार्टअप्स
- महिला/दिव्यांग उद्यमी
- स्वयं सहायता समूह (SHGs)
मुख्य क्रियाएं :
- खरीदार अपने ज़रूरत के प्रोडक्ट या सेवा की खोज करते हैं
- विक्रेता अपने उत्पादों को अपलोड और सूचीबद्ध करते हैं
- कीमतों की तुलना, रेटिंग, डिलिवरी समय आदि देखे जाते हैं
- जरूरत के अनुसार सीधे खरीद, बोली या रिवर्स ऑक्शन होता है
- भुगतान पूरी तरह डिजिटल और PFMS के माध्यम से होता है
खरीद के प्रकार और विधियाँ (GeM पर)
₹50,000 तक की खरीद
- डायरेक्ट पर्चेज (Direct Purchase) की अनुमति है।
- यह सबसे तेज़ और सरल तरीका है।
₹50,000 से ₹30 लाख तक की खरीद
- तीन कोटेशन (ऑटोमेटेड कम्पेरिजन) या L1 बिडिंग के आधार पर खरीद की जाती है।
- इससे मूल्य प्रतिस्पर्धा बनी रहती है।
₹30 लाख से अधिक की खरीद
- खुली बिडिंग या रिवर्स ऑक्शन (Reverse Auction) अनिवार्य है।
- यह तरीका पारदर्शिता और न्यूनतम लागत सुनिश्चित करता है।
Government e-Marketplace के मुख्य लाभ
- पारदर्शिता और जवाबदेही
हर लेन-देन ऑनलाइन रिकॉर्ड होता है
बिना मानव हस्तक्षेप के निर्णय
रेटिंग सिस्टम और फीडबैक से खराब सेवाओं पर रोक - लागत में बचत
सरकार को औसतन 9% से 20% तक की बचत होती है
बड़े बिडिंग प्रॉसेस से प्रतिस्पर्धा में वृद्धि - तेज़ और सरल प्रक्रिया
पूरी प्रक्रिया 7–10 दिनों में पूरी हो जाती है
टेंडर प्रक्रिया की जटिलता समाप्त - MSME और स्टार्टअप्स को बढ़ावा
10 लाख से ज्यादा MSME विक्रेता जुड़े
महिला उद्यमियों, SHGs को प्राथमिकता
बिना दलाल के सीधा सरकारी बाजार - डिजिटल इंडिया का समर्थन
कैशलेस लेन-देन
PFMS, PAN, GST और Udyam जैसे पोर्टलों से एकीकृत
GeM की उपलब्धियाँ (2025 तक)
- ₹13.6 लाख करोड़ से अधिक का व्यापार (GMV)
- 2.8 करोड़ से अधिक ऑर्डर पूरे हुए
- 1.6 लाख से ज्यादा सरकारी खरीदार संगठन पंजीकृत
- 23 लाख से ज्यादा विक्रेता पंजीकृत
- ₹45,000 करोड़ तक की अनुमानित सरकारी बचत
- GeM आज दुनिया के सबसे बड़े सरकारी ई-मार्केटप्लेस में शामिल है।
विशेष सुविधाएँ
- GeM SAHAY : विक्रेताओं को ऑर्डर मिलने पर तुरंत ऋण (loan) सुविधा
- वन नेशन, वन प्लेटफॉर्म : सभी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, और PSUs के लिए एकीकृत
- ग्रीन प्रोडक्ट्स : पर्यावरण-हितैषी उत्पादों को टैग करके प्रमोट किया जाता है
- इन्क्लूसिव टैग्स : महिला उद्यमी, दिव्यांग विक्रेता, SHGs को अलग टैग दिया गया है ताकि सरकार विशेष प्राथमिकता दे सके
GeM सिर्फ एक पोर्टल नहीं, बल्कि भविष्य की सरकारी खरीद प्रणाली है। इसकी मदद से सरकार को उत्पादों और सेवाओं पर सही मूल्य मिल रहा है, और उद्यमियों को बिना बिचौलिए के सरकारी ऑर्डर तक पहुंच मिल रही है। यह पारदर्शिता, दक्षता और समावेशिता का उदाहरण है। GeM आने वाले वर्षों में न केवल सरकारी व्यवस्था को मजबूत करेगा, बल्कि देश को डिजिटल और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने में भी अहम भूमिका निभाएगा।






