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रात की रानी के फूल रात को ही क्यों खिलते हैं?

ये सवाल हमेशा पूछा जाता है कि रात की रानी के फूल रात को ही क्यों खिलते हैं. खिलकर अपने धरती पर गिरता है. दिन में ये फूल बंद हो जाता है. ऐसी क्या वजह है कि ये भीनी भीनी खुशबु चारों ओर बिखेरने वाला फूल रात में ही खिलता है. फूल आधी रात चुपके से फूलता है.और फूलते ही झरने लगता है.
  • रात की रानी के फूल रात को ही क्यों खिलते हैं ?

ये सवाल हमेशा पूछा जाता है कि रात की रानी फूल रात में ही खिलता है. खिलकर अपने धरती पर गिरता है. दिन में ये फूल बंद हो जाता है. ऐसी क्या वजह है कि ये भीनी भीनी खुशबु चारों ओर बिखेरने वाला फूल रात में ही खिलता है. फूल आधी रात चुपके से फूलता है.और फूलते ही झरने लगता है.

जो जीव रात में एक्टिव हो जाते हैं, उन्हें हम सामान्य भाषा में निशाचर कहते हैं. इसी तरह कई पौधों के फूल भी केवल रात में ही खिलते हैं. ऐसे पौधों को रात में खिलने वाले पौधे कहते हैं. रात की रानी का पौधा ऐसा ही होता है.

 

  • मनमोहक होती है सुगंध

रात में खिलने वाले अधिकांश पौधों के फूलों में एक अद्भुत और मनमोहक सुगंध होती है। यह सुगंध रात में सक्रिय जीव-जंतुओं, विशेष रूप से पतंगों (moths), को अपनी ओर आकर्षित करती है। जब ये कीड़े फूलों पर आते हैं, तो उनके पंखों पर परागकण चिपक जाते हैं। बाद में, जब ये कीड़े एक फूल से दूसरे फूल तक जाते हैं, तो वे परागकणों को एक फूल से दूसरे तक पहुंचाते हैं। इस प्रक्रिया के माध्यम से परागसेचन (pollination) सफलतापूर्वक संपन्न होता है।

इसलिए, हम कह सकते हैं कि रात की रानी जैसे फूल विशेष रूप से रात में खिलते हैं ताकि वे उन कीड़ों को आकर्षित कर सकें जो परागसेचन (pollination) में सहायक होते हैं। यह प्रक्रिया न केवल पौधों के प्रजनन के लिए आवश्यक है, बल्कि नए पौधों के जन्म का आधार भी है। परागसेचन के परिणामस्वरूप फूलों से फल बनते हैं, और फलों के भीतर पाए जाने वाले बीजों से नए पौधों का निर्माण होता है, जिससे प्रकृति का यह चक्र निरंतर चलता रहता है।

 

  • रात में खिलने वाले फूलों की विशेषता

रात के समय खिलने वाले फूल, जैसे कि रात की रानी, सूर्य की तेज़ गर्मी और प्रकाश को सहन नहीं कर पाते। दिन में खिलने पर ये फूल जल्दी मुरझा जाते हैं, इसलिए इनका खिलना रात तक सीमित रहता है। सूरज की अनुपस्थिति और ठंडक के कारण ये फूल अपनी सुंदरता और सुगंध बिखेरते हैं, जो इन्हें विशेष बनाता है।

  • रात में खिलने का असली कारण

रात की रानी के फूलों का रात में खिलना उनकी जैविक संरचना और पर्यावरणीय अनुकूलन का नतीजा है। दिन के समय, ये फूल बंद रहते हैं और जैसे ही रात होती है, ठंडक और आर्द्रता बढ़ने के कारण ये खिलने लगते हैं। यह प्रक्रिया उनके परागण को बढ़ावा देने के लिए विकसित हुई है।

रात में सक्रिय परागणकर्ता, जैसे मच्छर, पतंगे, और अन्य कीड़े, इन फूलों की तेज़ सुगंध से आकर्षित होते हैं। यह विशेषता न केवल परागसेचन को सुनिश्चित करती है बल्कि प्रजनन के लिए आवश्यक प्रक्रिया को भी प्रभावी बनाती है।

 

  • रात में खिलने वाले फूल सफेद क्यों होते हैं?

रात में खिलने वाले फूलों का एक दिलचस्प पहलू यह है कि उनका रंग अक्सर सफेद होता है। रात्रि के अंधेरे में चमकीले या गहरे रंग आसानी से दिखाई नहीं देते, लेकिन सफेद रंग अंधेरे में भी स्पष्ट और चमकदार दिखाई देता है। यही कारण है कि सफेद रंग के फूल कीड़ों को आकर्षित करने में मदद करते हैं।

इसके अलावा, इन फूलों की सुगंध भी परागणकों को अपनी ओर खींचने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। रंग के बजाय, सुगंध उनके परागसेचन में अहम भूमिका निभाती है।

  • नाइट ब्लूमिंग जैस्मिन (Night Blooming Jasmine)

रात की रानी के नाम से मशहूर इस पौधे की शाखाएं पतली और 4 मीटर (13 फीट) तक लंबी हो सकती हैं। यह पौधा घनी पत्तियों और कई शाखाओं से युक्त होता है। इसकी अद्भुत सुगंध इसे अन्य फूलों से अलग बनाती है।

  • इसका अंग्रेजी नाम Night Blooming Jasmine है।
  • यह पौधा मूल रूप से वेस्ट इंडीज का निवासी है।
  • यह साल में लगभग चार बार फूल देता है।
  • इसके फल इंसानों या जानवरों के खाने योग्य नहीं होते।

    क्या रात की रानी पर सांप आते हैं?

  • रात की रानी का पौधा केवल छोटे पतंगे, मधुमक्खियों और पक्षियों को आकर्षित करता है।
  • यह एक आम भ्रांति है कि रात की रानी के पौधे से सांप आकर्षित होते हैं, इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है।
  • इसमें मच्छर भगाने का गुण भी होता है। इसकी पत्तियों और फूलों को पीसकर आंगन में छिड़कने से मच्छर दूर रहते हैं

 

  • रात में खिलने वाले कुछ अद्भुत फूल

रात में खिलने वाले फूलों का एक खास आकर्षण होता है। ये अपनी मोहक सुगंध और सौंदर्य से वातावरण को महकाते हैं और रात के परागणकों के लिए खास भूमिका निभाते हैं। आइए इन फूलों के बारे में विस्तार से जानते हैं:

  • 1. चमेली (Jasmine)

विशेषता: यह फूल दिन और रात दोनों समय खिलता है, लेकिन इसकी सुगंध रात में अधिक महसूस होती है।
रंग और आकार: छोटे और सफेद रंग के।
महत्व: इसका उपयोग इत्र बनाने और धार्मिक कार्यों में होता है।

  • 2. मोगरा (Arabian Jasmine)

विशेषता: इसकी खुशबू बहुत आकर्षक और मनमोहक होती है।
महत्व: मोगरा का उपयोग पूजा और सजावट में किया जाता है।
खासियत: छोटे और गुच्छों में सफेद फूल।

  • 3. चंपा (Plumeria)

विशेषता: यह रात में खिलने वाला एक मधुर सुगंधित फूल है।
रंग और आकार: सफेद और पीले रंग का संयोजन, गुच्छों में खिलता है।
महत्व: धार्मिक और सजावटी उपयोग में लोकप्रिय।

 

  • 4. ब्रह्मकमल (Saussurea obvallata)

विशेषता: यह एक दुर्लभ और पवित्र फूल है, जो साल में केवल एक बार रात के समय खिलता है।
महत्व: इसे शुभ और दिव्य माना जाता है, और यह हिमालय क्षेत्र में पाया जाता है।

  • 5. धतूरा (Datura)

विशेषता: यह रात में खिलने वाला आकर्षक फूल है।
महत्व: इसका उपयोग धार्मिक अनुष्ठानों और औषधीय प्रयोजनों में किया जाता है।
खासियत: बेलनाकार सफेद फूल।

 

  • 6. सप्तवर्णी (Alstonia scholaris)

विशेषता: हिमालयी क्षेत्र का यह सुंदर और सुगंधित फूल रात में खिलता है।
महत्व: इसे इसकी औषधीय विशेषताओं के लिए जाना जाता है।

 

  • 7. रजनीगंधा (Tuberose)

विशेषता: इसकी खुशबू बहुत तेज और लंबे समय तक टिकने वाली होती है।
महत्व: इत्र और सजावटी उपयोग में प्रसिद्ध।
खासियत: सफेद रंग के लंबे डंठल पर खिलने वाले फूल।

  • 8. पारिजात (Night-flowering Jasmine)

विशेषता: पारिजात के छोटे-छोटे सफेद फूल रात में खिलते हैं और सुबह तक मुरझा जाते हैं।
महत्व: इसका उपयोग औषधीय और धार्मिक कार्यों में किया जाता है।