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आपका आधार कब और कहां हुआ इस्तेमाल?

UIDAI की Authentication History सुविधा एक बेहद उपयोगी ऑनलाइन टूल है, जिसकी मदद से कोई भी आधार धारक यह पूरी जानकारी प्राप्त कर सकता है कि उसके आधार नंबर का कब, कहां, और किन-किन सेवाओं या संस्थानों द्वारा उपयोग किया गया। चाहे आपने बैंक खाता खोला हो, मोबाइल सिम ली हो, LPG कनेक्शन लिया हो या किसी सरकारी योजना में रजिस्ट्रेशन कराया हो — हर बार जब आपके आधार का प्रमाणीकरण किया गया, वह पूरा रिकॉर्ड इस पोर्टल पर उपलब्ध रहता है। यह सुविधा न केवल आपके डिजिटल पहचान पर पारदर्शिता प्रदान करती है, बल्कि आपको यह सुनिश्चित करने की ताकत भी देती है कि आपके आधार का किसी गलत उद्देश्य के लिए तो इस्तेमाल नहीं किया गया। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि आप इस सुविधा का उपयोग कैसे कर सकते हैं, कौन-कौन सी जानकारी मिलेगी और यह सेवा आपके लिए क्यों जरूरी है — वह भी एकदम आसान स्टेप-बाय-स्टेप तरीके से।

आधार ऑथेंटिकेशन हिस्ट्री (Authentication History)  : भारत में आधार एक महत्वपूर्ण दस्तावेज़ बन चुका है, जिसका उपयोग सरकारी और निजी सेवाओं में पहचान सत्यापन के लिए बड़े पैमाने पर होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपने कब-कब और किस-किस जगह अपना आधार इस्तेमाल किया है, इसकी पूरी जानकारी आप खुद ऑनलाइन देख सकते हैं? इसके लिए UIDAI (भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण) ने “Aadhaar Authentication History” नाम की एक सुविधा शुरू की है। इस सुविधा के ज़रिए आप यह जान सकते हैं कि पिछले 6 महीनों में आपके आधार नंबर का उपयोग कितनी बार और किस प्रयोजन से हुआ है।

 

 

आधार प्रमाणीकरण इतिहास (Authentication History) क्या है?

यह एक ऐसी सेवा है जिसके जरिए कोई भी आधार धारक यह देख सकता है कि उनका आधार कब, कहां और किस उद्देश्य से उपयोग हुआ।
उदाहरण के लिए:

  • बैंक खाता खोलते समय
  • LPG कनेक्शन लेते समय
  • सरकारी योजना में रजिस्ट्रेशन के समय
  • मोबाइल सिम लेते समय
  • eKYC के दौरान

हर बार जब आपका आधार नंबर, बायोमेट्रिक या OTP के ज़रिए सत्यापित होता है, उसका पूरा रिकॉर्ड UIDAI के पास रहता है।

 

 

आधार ऑथेंटिकेशन हिस्ट्री कहां से देखें?

आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं :

आधार नंबर या VID दर्ज करें

  • यहां आपको अपना 12 अंकों का आधार नंबर या 16 अंकों का वर्चुअल ID (VID) दर्ज करना होगा।
  • फिर दिए गए सिक्योरिटी कोड (कैप्चा) को सही-सही भरें।

OTP के जरिए लॉगिन करें :

  • “Send OTP” पर क्लिक करें।
  • आपके आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर एक OTP आएगा।
  • OTP दर्ज कर “Submit” पर क्लिक करें।

विवरण भरें और सबमिट करें :

  • प्रमाणीकरण का प्रकार (All, OTP, Biometric, Demographic आदि)
  • तारीख का चयन (पिछले 6 महीने तक)
  • रिकॉर्ड की संख्या (अधिकतम 50 तक)
  • उसके बाद “Submit” बटन दबाएं।

 

 

आपको कौन-कौन सी जानकारी मिलेगी?

  • प्रमाणीकरण की तिथि और समय
  • प्रमाणीकरण का प्रकार – OTP, बायोमेट्रिक या डेमोग्राफिक
  • प्रमाणीकरण उपयोगकर्ता एजेंसी (AUA) – जैसे बैंक, मोबाइल कंपनी या सरकारी पोर्टल
  • UIDAI की प्रतिक्रिया – प्रमाणीकरण सफल हुआ या विफल
  • Transaction ID और Error Code (यदि कोई त्रुटि हो)
  • इन जानकारियों के ज़रिए आप खुद यह जाँच सकते हैं कि आपके आधार नंबर का सही इस्तेमाल हुआ है या नहीं।

 

 

यह सेवा क्यों जरूरी है?

  • डेटा की सुरक्षा : आधार का गलत इस्तेमाल रोकने में मदद मिलती है।
  • स्वतंत्र नियंत्रण : आधार धारक को अपने डेटा पर अधिक नियंत्रण और पारदर्शिता मिलती है।
  • साइबर फ्रॉड से बचाव : बायोमेट्रिक डाटा के दुरुपयोग से संबंधित धोखाधड़ी की पहचान आसानी से की जा सकती है।
  • संदेह की पुष्टि : यदि किसी सेवा का आपने उपयोग नहीं किया लेकिन रिकॉर्ड में दिख रहा है, तो आप तुरंत कार्रवाई कर सकते हैं।

 

 

किन्हें इस सेवा का उपयोग करना चाहिए?

  • सभी आधार धारकों को यह सेवा नियमित रूप से उपयोग करनी चाहिए।
  • यदि आपको किसी सेवा के लिए OTP आया हो लेकिन आपने अनुरोध नहीं किया, तो तुरंत इतिहास जांचें।
  • वरिष्ठ नागरिकों और कम तकनीकी समझ रखने वालों को परिवार के सदस्यों द्वारा यह जानकारी जांच कर लेनी चाहिए।

कुछ महत्वपूर्ण बातें :

  • इस सेवा का उपयोग केवल वही व्यक्ति कर सकता है जिसका मोबाइल नंबर आधार से जुड़ा हो।
  • OTP उसी मोबाइल नंबर पर आता है जो आधार रिकॉर्ड में दर्ज है।
  • एक बार में अधिकतम 6 महीने और 50 रिकॉर्ड देखे जा सकते हैं।
     

 

 

Aadhaar Authentication History सेवा UIDAI की एक प्रभावशाली पहल है जो नागरिकों को अपने डिजिटल पहचान पर निगरानी रखने की शक्ति देती है। यदि आप अपने आधार के सुरक्षित इस्तेमाल को लेकर सजग हैं, तो इस सेवा का समय-समय पर उपयोग करना आपकी ज़िम्मेदारी बनती है। इस सरल प्रक्रिया के ज़रिए आप अपने आधार का कहां-कहां उपयोग हुआ है, यह आसानी से जान सकते हैं और अपनी पहचान को सुरक्षित रख सकते हैं।