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कैंसर क्या है? प्रकार, कारण, लक्षण और इलाज

कैंसर एक जटिल लेकिन काफी हद तक रोके जा सकने वाला रोग है। यदि हम इसके कारणों को समझें और अपने जीवन में कुछ ज़रूरी बदलाव करें, तो इस बीमारी से बचाव संभव है। जागरूकता, नियमित जांच, और स्वस्थ जीवनशैली के ज़रिए कैंसर के जोखिम को कम किया जा सकता है।

 

कैंसर (Cancer) एक गंभीर और तेजी से फैलने वाली बीमारी है, जिसमें शरीर की कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं और आस-पास के ऊतकों या अंगों को नुकसान पहुंचाती हैं। यह रोग शरीर के किसी भी भाग में शुरू हो सकता है और यदि समय पर इलाज न हो, तो यह जानलेवा हो सकता है। भारत सहित पूरे विश्व में कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। 

 

 

कैंसर क्या है?

मानव शरीर में कोशिकाएं एक नियमित प्रक्रिया के तहत बनती और मरती रहती हैं। लेकिन जब किसी कारणवश कोशिकाओं का यह संतुलन बिगड़ जाता है और वे अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं, तो वह कैंसर बन जाता है। ये असामान्य कोशिकाएं एक जगह पर गांठ (ट्यूमर) भी बना सकती हैं या  यह बीमारी न केवल व्यक्ति की शारीरिक बल्कि मानसिक और सामाजिक स्थिति को भी प्रभावित करती है। दुनिया में कैंसर के सैकड़ों प्रकार मौजूद हैं, जो शरीर के अलग-अलग अंगों, ऊतकों और ग्रंथियों में विकसित हो सकते हैं।

 

 

कैंसर के प्रकार :

1. कार्सिनोमा (Carcinoma)

यह सबसे सामान्य प्रकार का कैंसर है, जो त्वचा या शरीर के अंगों की बाहरी सतह की कोशिकाओं से उत्पन्न होता है। यह एपिथीलियल कोशिकाओं से बनता है।

प्रमुख कार्सिनोमा के उदाहरण :

  • स्तन कैंसर (Breast Carcinoma) – महिलाओं में सबसे आम।
  • फेफड़े का कैंसर (Lung Carcinoma) – धूम्रपान से जुड़ा प्रमुख कैंसर।
  • लिवर कैंसर (Hepatocellular Carcinoma) – हेपेटाइटिस संक्रमण से जुड़ा।
  • त्वचा का कैंसर (Melanoma, Basal Cell, Squamous Cell) – सूर्य की UV किरणों से होने वाला।
  • पेट का कैंसर (Gastric Carcinoma) – अस्वास्थ्यकर खान-पान का नतीजा।
  • बड़ी आंत का कैंसर (Colorectal Carcinoma) – पाचन तंत्र से जुड़ा।
  • गले और स्वर यंत्र का कैंसर (Laryngeal Carcinoma) – तंबाकू और शराब सेवन से संबंधित।

2. सारकोमा (Sarcoma)

सारकोमा कैंसर शरीर के संयोजी ऊतकों जैसे हड्डी, मांसपेशियों, वसा, रक्त वाहिकाओं या तंत्रिकाओं में होता है। यह अपेक्षाकृत दुर्लभ होता है लेकिन बहुत आक्रामक होता है।

प्रमुख सारकोमा के उदाहरण :

  • Osteosarcoma – हड्डियों में होने वाला कैंसर।
  • Leiomyosarcoma – चिकनी मांसपेशियों का कैंसर।
  • Liposarcoma – वसा ऊतकों में।
  • Ewing’s Sarcoma – बच्चों और किशोरों में आम।
  • Angiosarcoma – रक्त वाहिकाओं से जुड़ा।

3. ल्यूकेमिया (Leukemia)

यह रक्त और अस्थि मज्जा (Bone Marrow) से शुरू होने वाला कैंसर है। इसमें असामान्य सफेद रक्त कोशिकाएं अत्यधिक मात्रा में बनने लगती हैं।

प्रकार :

  • Acute Lymphoblastic Leukemia (ALL) – बच्चों में आम।
  • Acute Myeloid Leukemia (AML) – वयस्कों में अधिक देखा जाता है।
  • Chronic Lymphocytic Leukemia (CLL) – वृद्ध लोगों में।
  • Chronic Myeloid Leukemia (CML) – धीरे-धीरे बढ़ने वाला प्रकार।

4. लिम्फोमा (Lymphoma)

यह कैंसर लसीका प्रणाली (Lymphatic System) में उत्पन्न होता है, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक प्रणाली का हिस्सा है।

प्रमुख प्रकार:

  • Hodgkin’s Lymphoma – विशिष्ट कोशिका (Reed-Sternberg cells) की उपस्थिति।
  • Non-Hodgkin’s Lymphoma – विभिन्न प्रकार के लिम्फ कोशिकाओं में पाया जाता है।
  • Cutaneous T-cell Lymphoma – त्वचा से संबंधित लिम्फोमा।

 

5. मायलोमा (Myeloma)

यह प्लाज्मा कोशिकाओं का कैंसर है, जो अस्थि मज्जा में पाए जाते हैं और एंटीबॉडी बनाने का कार्य करते हैं।

प्रमुख प्रकार :

  • Multiple Myeloma – अस्थि मज्जा में एक से अधिक स्थानों पर प्रभाव।
  • Plasmacytoma – एकल स्थान पर केंद्रित।

6. तंत्रिका तंत्र से जुड़े कैंसर (Nervous System Cancers)

यह मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी में होता है और शरीर के नियंत्रण व समन्वय को प्रभावित करता है।

प्रमुख प्रकार :

  • Glioblastoma – सबसे घातक ब्रेन ट्यूमर।
  • Medulloblastoma – बच्चों में आम।
  • Neuroblastoma – तंत्रिका कोशिकाओं में होने वाला।

7. एंडोक्राइन या हार्मोन ग्रंथियों से जुड़े कैंसर (Endocrine Cancers)

यह शरीर की हार्मोन बनाने वाली ग्रंथियों से उत्पन्न होता है।

प्रमुख प्रकार :

  • Thyroid Cancer – पुरुषों और महिलाओं में आम।
  • Adrenocortical Carcinoma – अधिवृक्क ग्रंथि से।
  • Pituitary Tumors – पिट्यूटरी ग्रंथि में।

8. जननांग कैंसर (Reproductive Cancers)

यह प्रजनन अंगों में उत्पन्न होने वाले कैंसर हैं।

पुरुषों में :

  • Prostate Cancer
  • Testicular Cancer

महिलाओं में :

  • Cervical Cancer
  • Ovarian Cancer
  • Endometrial Cancer

9. अन्य दुर्लभ और विशिष्ट कैंसर प्रकार

  • Mesothelioma – फेफड़ों की बाहरी परत का कैंसर, अक्सर एस्बेस्टस से होता है।
  • Retinoblastoma – बच्चों की आंखों में कैंसर।
  • Wilms Tumor – बच्चों की किडनी का कैंसर।
  • Cholangiocarcinoma – पित्त नलियों का कैंसर।
  • Kaposi’s Sarcoma – HIV से ग्रसित व्यक्तियों में आम।

 

 

कैंसर के होने के संभावित कारण WHO और IARC (International Agency for Research on Cancer) के आंकड़ों के आधार पर

कारण अनुमानित योगदान (%)
तंबाकू (धूम्रपान, गुटखा, बीड़ी आदि) 30%
अस्वस्थ खानपान और मोटापा 20%
वायरल संक्रमण (HPV, हेपेटाइटिस B/C आदि) 15%
वायु प्रदूषण और पर्यावरणीय कारण 10%
शराब का अत्यधिक सेवन 5–7%
हार्मोनल कारण (पिल्स, थेरेपी आदि) 3–5%
UV रेडिएशन (सूरज की किरणें, सोलार लैम्प) 2–3%
आनुवंशिक/पारिवारिक कारण 5–10%
तनाव और नींद की कमी 2–4%
रेडिएशन एक्सपोजर (X-rays, CT आदि) 1–2%

 

 

कैंसर का उपचार :

  • सर्जरी (Operation) : कैंसरयुक्त हिस्से को हटाना।
  • कीमोथेरेपी (Chemotherapy) : कैंसर कोशिकाओं को मारने वाली दवाइयाँ।
  • रेडियोथेरेपी (Radiotherapy) : विकिरण के जरिए कोशिकाएं नष्ट करना।
  • इम्यूनोथेरेपी (Immunotherapy) : रोग प्रतिरोधक तंत्र को मजबूत करना।
  • हार्मोन थेरेपी : कुछ कैंसर (जैसे स्तन या प्रोस्टेट) में हार्मोन को नियंत्रित करना।

 

 

कैंसर इलाज में ऑटोहीलिंग (Autophagy) की भूमिका : योशिनोरी ओसुमी के शोध की महत्ता

  • कैंसर एक जटिल और चुनौतीपूर्ण बीमारी है, जिसके इलाज के लिए विज्ञान लगातार नई-नई तकनीकें और उपचार खोज रहा है। ऐसे में ऑटोहीलिंग या वैज्ञानिक भाषा में ऑटोफैगी (Autophagy) की प्रक्रिया ने कैंसर रिसर्च और इलाज के क्षेत्र में एक नई उम्मीद जगाई है। इस प्रक्रिया का अध्ययन करने वाले जापानी वैज्ञानिक योशिनोरी ओसुमी को 2016 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। आइए जानते हैं कि ऑटोफैगी क्या है, यह कैसे काम करती है और कैंसर के इलाज में इसका क्या महत्व है।

 

 

ऑटोफैगी क्या है?

ऑटोफैगी, जिसका शाब्दिक अर्थ है “खुद को खाना”, एक प्राकृतिक सेलुलर (कोशिका स्तर पर) प्रक्रिया है। यह प्रक्रिया कोशिका को अपने भीतर मौजूद क्षतिग्रस्त, पुराने या अवांछित घटकों को तोड़ने और पुनः उपयोग करने में मदद करती है। इसे सेल की “स्व-सफाई” प्रक्रिया भी कहा जा सकता है।

  • जब कोशिका तनाव में होती है या पोषण की कमी होती है, तो ऑटोफैगी सक्रिय होती है।
  • इस प्रक्रिया से कोशिका अपने क्षतिग्रस्त अंगों (जैसे माइटोकॉन्ड्रिया), प्रोटीन, और अन्य घटकों को तोड़कर नए निर्माण के लिए उपयोग करती है।
  • यह कोशिका को स्वस्थ बनाए रखने और जीवन शक्ति बनाए रखने में सहायक होती है।
  • योशिनोरी ओसुमी ने 1990 के दशक में ऑटोफैगी की इस प्रक्रिया को आनुवंशिक स्तर पर समझाया और इसके कार्य तंत्र को वैज्ञानिक रूप से प्रमाणित किया।

 

 

  • कैंसर के मुख्य रूप से 5 प्रकार होते हैं – कार्सिनोमा, सारकोमा, ल्यूकेमिया, लिम्फोमा और मायलोमा।
  • इनके भीतर 100 से अधिक उप-प्रकार होते हैं, जो अलग-अलग अंगों और कोशिकाओं को प्रभावित करते हैं।
  • समय पर जांच, पहचान और इलाज कैंसर से लड़ने का सबसे प्रभावी तरीका है।