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81.5 करोड़ भारतीयों का व्यक्तिगत डेटा लीक: डार्क वेब पर खतरा
Indians Personal Data Leaked : भारत में एक नया और गंभीर डेटा लीक मामला सामने आया है, जिसमें 81.5 करोड़ भारतीय यूजर्स की संवेदनशील जानकारी डार्क वेब पर बेची जा रही है। इस डेटा में यूजर्स के नाम, फोन नंबर, जन्मतिथि, और आधार नंबर जैसी महत्वपूर्ण जानकारियां शामिल हैं। यह जानकारी संयुक्त राज्य अमेरिका स्थित साइबर सुरक्षा फर्म रिसिक्योरिटी (Resecurity) द्वारा उजागर की गई है। न्यूज़ सोर्स (CNBCTV18)
क्या है पूरा मामला?
रिसिक्योरिटी की रिपोर्ट के अनुसार, एक हैकर ने 81.5 करोड़ भारतीयों के व्यक्तिगत डेटा को डार्क वेब पर सूचीबद्ध किया है। इस डेटा में उपयोगकर्ताओं के नाम, फोन नंबर, जन्मतिथि और आधार नंबर जैसी संवेदनशील जानकारी शामिल है। इस मामले ने भारतीय नागरिकों और सरकार के लिए गंभीर चिंता उत्पन्न कर दी है।
डेटा की कीमत और बिक्री का प्रयास
Indians Personal Data Leaked : रिसिक्योरिटी ने अपनी जांच में पाया कि हैकर इस डेटा को 80,000 डॉलर में बेचने के लिए तैयार था। इस खबर ने भारतीय साइबर सुरक्षा जगत में हड़कंप मचा दिया है। अगर यह डेटा वास्तव में लीक हुआ है, तो यह भारत के इतिहास में सबसे बड़े डेटा उल्लंघनों में से एक हो सकता है। डेटा की संवेदनशीलता और मात्रा को देखते हुए, यह मामला अत्यंत गंभीर है और तत्काल कार्रवाई की मांग करता है।
कैसे हुआ डेटा लीक?
रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने इस डेटा लीक की जांच शुरू कर दी है। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह डेटा कैसे लीक हुआ और इसके पीछे कौन लोग हैं। प्रारंभिक अनुमान यह है कि यह डेटा भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के डेटाबेस से हैक किया गया हो सकता है। इस अनुमान का आधार यह है कि आईसीएमआर के पास बड़े पैमाने पर संवेदनशील स्वास्थ्य डेटा होता है, जो इस प्रकार की जानकारी को आकर्षक बनाता है।
डेटा का मूल्य और विक्रेता की जानकारी
Indians Personal Data Leaked : 10 सितंबर को, एक हैकर जिसका नाम pwn0001 है, ने डार्क वेब पर ब्रीच फ़ोरम पर एक पोस्ट किया जिसमें उसने भारतीय नागरिकों के आधार और पासपोर्ट डेटाबेस को 80,000 डॉलर में बेचने की पेशकश की। इस डेटा में फोन नंबर, पता, नाम, और माता-पिता के नाम जैसी जानकारियाँ भी शामिल हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, pwn0001 ने यह डेटाबेस हैक नहीं किया बल्कि इसे पिछले साल 50,000 डॉलर में खरीदा था।
फाइल्स की संख्या और सत्यापन
साइबर सिक्योरिटी फर्म रिसिक्योरिटी के अनुसार, इस डेटा लीक में एक लाख से अधिक फाइल्स शामिल हैं। इन फाइल्स (Indians Personal Data Leaked) में भारतीय यूजर्स की व्यक्तिगत जानकारी मौजूद है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इन डेटा डिटेल्स को सत्यापित करने के लिए सरकारी पोर्टल का उपयोग किया गया है। इस सत्यापन से यह साबित होता है कि डेटा वास्तविक है और इसे लीक करने वाले ने इसे वैध स्रोतों से प्राप्त किया है।
सरकारी प्रतिक्रिया
अभी तक, इस डेटा लीक मामले पर सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। ना ही किसी डेटा उल्लंघन की पुष्टि या खंडन किया गया है। इस रिपोर्ट को सबसे पहले रिसिक्योरिटी ने प्रकाशित किया था, जिसने यह भी दावा किया कि नागरिकों के वैध आधार कार्ड और आईडी की पहचान की गई है। सरकार की चुप्पी इस मामले को और गंभीर बना देती है, क्योंकि यह नागरिकों की सुरक्षा और गोपनीयता के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता पर सवाल उठाता है।
डेटा लीक के परिणाम
81.5 करोड़ भारतीयों का व्यक्तिगत डेटा लीक होने का यह मामला साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में एक गंभीर चेतावनी है। यह घटना हमें यह याद दिलाती है कि व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा कितनी महत्वपूर्ण है और इसे सुनिश्चित करने के लिए हमें लगातार प्रयास करने की आवश्यकता है। इस प्रकार के डेटा उल्लंघन से न केवल नागरिकों की गोपनीयता खतरे में पड़ती है, बल्कि यह आर्थिक धोखाधड़ी, पहचान की चोरी और अन्य साइबर अपराधों के लिए भी द्वार खोलता है।
डेटा लीक से बचाव के उपाय
इस प्रकार के डेटा उल्लंघन (Indians Personal Data Leaked) से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण उपाय निम्नलिखित हैं:
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साइबर सुरक्षा उपायों को सुदृढ़ करना: सरकारी और निजी संगठनों को अपने साइबर सुरक्षा उपायों को सुदृढ़ करना चाहिए। इसमें नियमित रूप से सुरक्षा अद्यतनों को लागू करना और संभावित खतरों का मूल्यांकन करना शामिल है।
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डेटा एनक्रिप्शन: सभी संवेदनशील डेटा को एन्क्रिप्ट किया जाना चाहिए ताकि यदि डेटा चोरी हो भी जाए, तो इसे पढ़ा नहीं जा सके।
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कर्मचारी प्रशिक्षण: कर्मचारियों को साइबर सुरक्षा जागरूकता और सर्वोत्तम प्रथाओं के बारे में नियमित प्रशिक्षण देना आवश्यक है।
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पुनर्प्राप्ति योजना: किसी भी डेटा उल्लंघन की स्थिति में तेजी से प्रतिक्रिया देने के लिए एक प्रभावी डेटा पुनर्प्राप्ति योजना तैयार होनी चाहिए।
निष्कर्ष
Indians Personal Data Leaked : 81.5 करोड़ भारतीयों का व्यक्तिगत डेटा लीक होने का यह मामला न केवल साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में एक गंभीर चेतावनी है, बल्कि यह हमें यह भी सिखाता है कि व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा कितनी महत्वपूर्ण है। भारतीय नागरिकों और सरकार को इस मामले की गहराई से जांच करनी चाहिए और आवश्यक कदम उठाने चाहिए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारे डेटा सुरक्षित हैं और किसी भी संभावित खतरे से बचाव के लिए हम सभी आवश्यक उपाय कर रहे हैं।
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81.5 करोड़ भारतीयों का पर्सनल डेटा हुआ लीक
संयुक्त राज्य अमेरिका स्थित साइबर सिक्योरिटी फर्म रिसिक्योरिटी (Resecurity) की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि लगभग 81.5 करोड़ भारतीयों का पर्सनल डेटा डार्क वेब पर लीक हो गया है। इस डेटा में भारतीय नागरिकों के नाम, जन्मतिथि, फोन नंबर, आधार नंबर सहित कई प्रकार की संवेदनशील जानकारी शामिल है। आइए, जानते हैं इस मामले की पूरी जानकारी।